चुनाव व्यवस्था पर उठाये थे सवाल, राज्य चुनाव आयोग ने दिए थे जाँच के आदेश किन्तु 3 महीनो में भी नहीं हुई जाँच ...
हिमाचल प्रदेश में हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव के बारे में दिसम्बर में दिए गए फीडबैक पर राज्य मुख्य चुनाव आयोग ने मुख्यमंत्री के गृह जिले मंडी के जिला चुनाव अधिकारी से जवाब माँगा था किन्तु 28 दिसम्बर 2017 के लिखे हुए पत्र पर अभी तक भी जिला चुनाव अधिकारी ने कोई संज्ञान नहीं लिया, क्या इसी तरह से सुधारेंगे चुनाव व्यवस्था ? यदि कोई भारतीय अपनी जिम्मेदारी समझ कर ,बहुमूल्य समय देकर कुछ फीडबैक देता है ताकि आगे से व्यवस्था सुधर सके तो चुनाव आयोग को खुश होकर इस तरह के कदम का स्वागत करना चाहिए किन्तु यहाँ केंद्रीय चुनाव आयोग ने तो इस पर संज्ञान लेना तक जरुरी नहीं समझा एवं राज्य चुनाव आयोग ने जिला चुनाव अधिकारी से रिपोर्ट मांगने का पत्र भेज कर इति-श्री कर ली और उन्ही से एक कदम आगे बढ़कर जिला चुनाव अधिकारी निकले, जिन्होंने शायद इस पत्र को कोई तव्वजो ही नहीं दी ....इसका सारांश यह निकला की, आम इंसान के द्वारा यदि देश में बदलाव लाने की जो बड़ी बड़ी बातें की जाती है वो सिर्फ कागजी या हवाई बातें ही होती है हकीकत का उनसे कोई सरोकार नहीं ...और इसीलिए शायद आम इंसान सिस्टम को अपना लेता है... प्रधानमंत