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Showing posts from August, 2017

सेहवाग, शिखर धवन, विराट कोहली, जोगेंद्र नेहरा ,युसूफ पठान ,जाहिर खान को खेलना सिखाया इंसान-पिता-बलात्कारी राम रहीम ने..

सेहवाग, शिखर धवन, विराट कोहली, जोगेंद्र नेहरा ,युसूफ पठान ,जाहिर खान को खेलना सिखाया इंसान-पिता-बलात्कारी राम रहीम ने.. जी हा, सही पड़ा आपने ....इंसान -पिता-बाबा क्लेम करते है की मेने विराट कोहली, युसूफ पठान, वीरेंद्र सेहवाग को खेलना सिखाया उसी के साथ आईपीएल के 30 से 40% बच्चे हमसे टिप्पस लेने आते है ... उसके अलावा 32 नेशनल गेम के भी खिलाडी एवं इंटरनेशनल कोच रहे बाबा ..थ्रो बॉल ,बिलियर्ड्स, वाटर पोलो, क्रिकेट, कब्बडी ,स्नूकर, फूटबाल, वॉलीबाल , टेनिस तरह के कई ऐसे खेल है जो इंसान-पिता बाबा के बाये हाथ का खेल है  और सबमे में वो टीम कप्तान हुआ करते थे...क्रिकेट में वो रणजी प्लेयर्स के साथ खेला करते थे ,बैटिंग में ओपनर की तरह वो आया करते थे बोलिंग में भी ओपनर की तरह ...सबसे मजे की बात ऑफ स्पिनर .लेग स्पिनर गूगली हर तरह की बॉलिंग में माहिर थे उसके अलावा विकेट कीपिंग से लेकर फिलिडंग में जहा भी सब से जयदा जरुआत होती थी इंसान -पिता बाबा को लगाया जाता था बाबा का दावा है टी-20 उन्होंने स्टार्ट करवाया .... बाबा का कहना है टी-20 उन्होंने 1999 में में शुरू किया और देश के कई नमी क्रिकेटर को क

चीन,पाकिस्तान से नहीं ..पहले घर के गद्दारो पर दिखाओ जोर .

चीन,पाकिस्तान से नहीं ..पहले घर के गद्दारो पर दिखाओ जोर .... कश्मीर में मरते जवान हो या फिर राजस्थान में जाटो का ट्रैन ट्रक पर कब्ज़ा ..एक आम बात सी हो गयी हिंसा होना भारत जैसे शांति प्रिय देश में ..क्या आम इंसान जो ईमानदारी से चैन से जीना चाहता है उसके लिए सच में भारत सपनो का देश होता जा रहा है ...कभी आरक्षण के लिए उसकी बलि चढ़ती है तो कभी किसानो के नाम पर राजनीती करके..तो कभी उसको छला जाता है सरकार के द्वारा ,कभी विपक्ष के अड़ियल रवैये से....क्या हो गया मेरे सपनो के भारत को ....कभी एक मंत्री बलात्कारी को दस हजार रुपये कॅश एवं सिलाई मशीन देता है तो जानी मानी यूनिवर्सिटी के विधार्थी ,शिक्षक एक आतंकवादी की फांसी की बरसी मना रहे होते है...कभी ट्रिपल तलाक पर मुँह में दही ज़माने वाले लोग शनि मंदिर पर महिलाओ के अधिकारों पर सरकार के कपडे फाड् रहे  होते है .... लेकिन अब एक नया युग आ गया ...बाबा-मौलवी युग ...इनके आगे सारी सरकार फ़ैल है ...भगवन से ज्यादा हर सरकार इनको मनाने में लगी रहती है ....चुनाव से पहले इनके दरबार में हाजिरी लगाना साँस लेने से भी जयदा जरुरी हो जाता है...और उसी का परिणाम

जल्द उभरता हुआ कोटा का छात्र नेता शुभम स्वामी ...जाने शुभम के बारे में

कोटा की शैक्षणिक नगरी के साथ-साथ भारत के मानचित्र पर अपनी पहचान कई और क्षेत्रों में भी बहुत ही तेजी से बन रही है ....यहाँ  शिक्षा का वातावरण आबो हवा में है , यहाँ के लोगो के का व्यवहार कबीले तारीफ है... इसी कड़ी में कोटा की छात्र राजनीती भी अपने पाँव पसार रही है..उसी के सिलसिले में ,मै एक ऐसे शख्स की बात कर रहा हु जो कोटा में एक उभरते हुए सूरज की तरह बढ़ रहा है ....वह शख्स है शुभम स्वामी .... । कौन है शुभम स्वामी ??? पिछले एक-दो सालो से छात्रों के जुबान पर अपना नाम चढ़ाने वाला शुभम स्वामी ,,,राजकीय वाणिज्य महाविद्यालय कोटा से ABVP के टिकट से महासचिव पद पर उम्मीदवार है,  पहले जान ले शुभम स्वामी एक मध्यम वर्गीय परिवार से ताल्लुक रखता है ,जिसके परिवार से कोई खास राजनीती परिवेक्ष नहीं है ....ईमानदारी एवं सादगी से जिंदगी जीने वाले परिवार से ताल्लुक रखने वाला शुभम पढ़ाई में बचपन से बहुत तेज रहा ....शुभम अपनी सादगी एवं जिंदादिली से जाना जाता है .....दबंग अंदाज , सरहनीय कार्यो एवं हमेशा छात्रों के हितो के लिए अग्रसर रहने वाले शुभम स्वामी को बहुत जल्द ही छात्रों ने अपना नेता स्वीकार कर ल

पुलिस ने नहीं किया सहयोग उल्टा धर्म विशेष के साथी से पूछा क्यों नहीं बोलते वंदे मातरम????

दिनाँक 10.08.2-017, 11.08.2017 को सुजीत ने जंतर मंतर दिल्ली पर रेलवे की यात्री विरोधी  नीतियों के खिलाफ  आमरण अनशन शुरू किया था लेकिन दिल्ली पुलिस ने उसे दो दिन में ही तुड़वा दिया ....सुजीत स्वामी ने पिछले महीने 08.07.2017 तारीख को दिल्ली पुलिस कमिश्नर को मेल के माद्यम से अनिश्चितकालीन आमरण अनशन की आज्ञा मांगी थी किन्तु उसको दिल्ली पुलिस का सहयोग न मिलकर बस असहयोग ही प्राप्त हुआ और दूसरे दिन डराकर सुजीत को जनतंत मंतर से जाने को कहा पहले दिन से नहीं किया सहयोग सुजीत के जंतर पहुंचने पर अधिकारी ने  आज्ञा पत्र भी नहीं दिया बल्कि उसको एक साइड कोने में बैठकर शाम पांच बजे तक अनशन समाप्त करने को कहा, इसके बाद सुजीत ने  अपना अनशन शुरू किया....लगभग 11 बजे वही अधिकारी वापस आया और बोलै तुझे वहां बैठने के लिए कहा था , तू यहाँ क्यों बैठा ..तो सुजीत ने जवाब दिया - वहां जगह नहीं थी तो अधिकारी ने रोड पर बैठकर अनशन करने का कहा की और कहा की शाम को 5  बजे अपने तामझाम उठा कर चला जाना लेना यहाँ से .. उसके बाद सुजीत ने वापस से दिल्ली पुलिस कमिश्नर को मेल कर आगे की अनुमति मांगी जिस

जाने रेलवे का टिकट सिस्टम...हैरान रह जायेंगे आप...इस "लीगल लूट" से

रेलवे आम जन के डीएनए में है  , इसके बिना आजकल शायद जिंदगी की रेस पूरी नहीं हो सकती ... गरीबो का जहाज़ कहा जाता है रेलवे को और दुनिया में चौथे बड़े नंबर का नेटवर्क है भारतीय रेल का .. लेकिन किस तरह से भारतीयों की मजबूरियों का फायदा उठता है रेलवे ये जानकर हैरान रह जायेंगे अपन सब . रेलवे में कई तरह के कोटे होते है एक ही कोच में , जनरल रिजर्वेशन कोटा , तत्काल कोटा , लेडीज कोटा , पूल्ड कोटा , रिजर्वेशन अगेस्न्ट कैंसलेशन आदि ... अब जाने एक कैलकुलेशन से किस तरह    होता है विभाजन सीट्स का .. मन लीजिये एक ट्रैन में 12 स्लीपर कोच है और हर कोच में   72 सीटें है यानि टोटल सीट्स = 12 *72 = 864 सीट्स उसमे से 30 % यानि की  259 सीट्स , तत्काल के लिए ( तत्काल की संख्या ट्रैन के ऊपर निर्भर करती है )  2 सीट्स प्र्त्येक कोच में महिलाओ के लिए स्पेशल यानि की = 2 *12 = 24   सीट्स 8% पूल्ड ** कौटा यानि की   69  सीट्स टोटल सीट्स = 864 – 259 – 24 – 69 =