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Showing posts from January, 2020

कैंटीन का मामला पहुंच सकता है कोर्ट, सुनिए कैंटीन संचालक एवं कथित विद्यार्थी के मध्य सेटलमेंट की बातचीत

आई आई टी मंडी के  विद्यार्थी किस तरह से शिक्षा ग्रहण करके देश का नाम रोशन करेंगे उसके लिए आपका ज्यादा समय न लेते हुए सिर्फ यह ऑडियो रिकॉर्डिंग पेश कर रहा हु , आप खुद सुनिए और विचार कीजिये की क्या पनप  रहा है आई आई टी मंडी में.  आपने मेरा पिछला ब्लॉग जो आई आई टी मंडी के बारे में था तो पढ़ा ही होगा जिसका शीर्षक " जब पेड़ ख़राब हो तो फल कैसे मीठा होये, अब IIT Mandi के छात्र  ..... " था।  उस में आपको पूरा ज्ञान मिल जायेगा इस ब्लॉग के बारे में---  किस तरह से  भ्रष्टाचार  की फसल तैयार हो रही है भ्रष्टाचार के दिग्गजों के द्वारा, और क्या भविष्य होगा इन विद्यार्थियों का।  यह वार्तालाप कई सवाल खड़े करता है जो कथित विद्यार्थी इस अजय ठाकुर से बात कर रहा है उसका नाम  शुभम शाह बताया जा  रहा  है जो की हॉस्टल सेक्रेटरी भी है. यह विद्यार्थी अभियांत्रिकी के प्रोग्राम में अध्यन कर रहा है लेकिन शिक्षा "सेटलमेंट" करने की ले रहा है. हालाँकि सेटलमेंट करना कोई बुरी बात नहीं है जब सरकार इतनी फीस लेगी तो विद्यार्थी कही न कही से तो हाथ मारेंगे ही और वैसे भी आई आई टी मंडी के भ्र्ष्ट

जामिआ यूनिवर्सिटी के मजे 10 साल में ग्रांट/सब्सिडी बढ़कर हुई 452%, साथ ही ,विदेशी विद्यार्थियों में अफगानिस्तान का 48% से ज्यादा पर कब्ज़ा क्यों?

देश के जाने माने विश्वविद्यालय जहाँ के विद्यार्थी  आजकल पुरे देश के साथ-साथ विश्व का ध्यान अपनी और आकर्षित कर रहे है, यह बात अलग है की ध्यान पढ़ाई , शोध , शिक्षा के कारण  न होकर धरने , प्रदर्शन , तोड़ फोड़, देश विरोधी गतिविधिया के कारण  ज्यादा है।  उन विश्वविद्यालय में  नाम है जामिआ मिल्लिया इस्लामिया  यूनिवर्सिटी दिल्ली। 1920 में ब्रिटिश शासन के दौरान स्थापित हुई यह यूनिवर्सिटी आजकल खासी चर्चा में बनी  हुई है , इस की स्थापना का उदेश्य , विशेष रूप से  मुस्लिम समुदायों  के छात्रों के साथ अन्य छात्रों में राष्ट्रवाद की भावना भी विकसित  कर सकना था, लेकिन आजकल  कि सुर्खिया बता रही है की  अपने  भटके हुए छात्रों की वजह  से अब  सविंधान विरोधी गतिविधियों में इसका नाम ज्यादा जुड़ रहा है। और अजाक  देखा जा रहा है मुस्लिम धर्म के फॉलोवर अचानक से हिन्दू धर्म के दलित और पिछड़े के हिमायती बन रहे है, लेकिन हकीकत यह है की उनकी यह दोहरी निति की पोल खुलती है जामिआ और अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी से।  अगस्त 2018 में संसद में पूछे गए सवाल के दौरान बताया गया की AMU  एवं जामिआ दोनों में दलित एवं पिछड़े वर्ग के

जब पेड़ ख़राब हो तो फल कैसे मीठा होये, अब IIT Mandi के छात्र/कर्मचारी ने कैंटीन टेंडर Renew के मांगे 50 हजार रुपये, वेंडर का आरोप..

बोया पेड़ बबूल का तो ,आम कहाँ से होये,   पदचिन्ह ही गलत हो तो मंजिल सही कैसे हो सकती है ? यही बात सिख रहे है आई आई टी मंडी के कुछ विद्यार्थी, शायद पढ़ाई में निपुण हो या नहीं लेकिन भ्र्ष्टाचार में जरूर महारथ हासिल करने में जुटे है ।    आई आई टी मंडी संसथान, जिसके कई कर्मचारी पर भ्र्ष्टाचार का सिरमौर होने का टैग लगा है साथ ही लोकसभा में इसके करप्शन की जाँच की मांग सांसद साहब राम स्वरुप शर्मा ने कई बार उठाई साथ ही पत्र लिखकर भी मजबूत मांग की है, वही शिमला उच्च न्यायलय ने भ्र्ष्टाचार की जाँच की मांग पर मेरे एवं कर्नल देवांग नाइक द्वारा दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए आई आई टी मंडी से जवाब तलब किया वही इस श्रेणी में अब आई आई टी मंडी में ,हिमाचल के ही एक कैंटीन संचालक ने गंभीर आरोप लगाया है उसका कहना है की आई आई टी मंडी के तृतीया वर्ष के विद्यार्थी ने उनसे कैंटीन के कॉन्ट्रैक्ट को आगे बढ़ाने के लिए सेटलमेंट करने के लिए कहा और उसके लिए 50 हजार रुपये मांग की । मजे की बात तो यह है की शुभम शाह हॉस्टल सेक्रेटरी, आई आई टी मंडी के सेक्रेटरी के साथ हाल ही में लगे जूनियर सुपरिन्टेन्डे