मन के कुछ विचार ... मरने पर पैसा भले ही साथ न जाये लेकिन यह सत्य है अंतिम साँस तक सिर्फ वो है जो आपको जिन्दा रख सकता है । "धन के पीछे मत भागो" कहने वाले लोग खुद भाषण देने से पहले अपनी मोटी फीस बता देते है "धन से कुछ नहीं होता, असली दौलत सिर्फ परिवार है" यह लाइन सुनने और पढ़ने में ही अच्छी लगती है, महंगी साडी, बच्चो की स्कूल फीस और उनके शोक पुरे न हो तो वो ही परिवार आपको खाने दौड़ता है धन ही सब कुछ नहीं है, लेकिन धन है तो बहुत कुछ है और धन ही नहीं तो कुछ भी नहीं इंसान के विचारो की नहीं, इज्जत उसकी जेब की होती है कुनबे और खानदान में सम्मान उसे मिलता है,जिसका समय अच्छा होता है जिसके पास दिखाने के नोट होते है, उसके सारे खोट नोट के पीछे छिपे होते है वजन इंसान का नहीं, उसके अकाउंट में पड़े धन का होता है सत्य वही कहलाता है जो वजन वाला इंसान कहता है बात उसी की सुनी जाती है, जो धनबल से सक्षम होता है आपकी बात में दम तब होगा, जब आपका पर्स दुसरो की अपेक्षा ज्यादा भारी होगा