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Showing posts from August, 2019

आई आई टी की लाचारी पर चुप रहने वालो, अगला नंबर आपका है...

देव भूमि, मंडी शहर में शांत वातारवरण की आगोश में चल रहे आई आई टी मंडी को वही के कुछ गद्दारो ने बीमार कर दिया, आई आई टी मंडी लहूलुहान स्थिति में बिना आंखे टिमटिमाये देखता रहा कोई तो भूमि का कर्ज चुकाएगा, देव भूमि पर मुझे लाने वाले मेरी आबरू को लूटते नहीं देख पाएंगे जरूर वो वक्त आएगा जब इन गद्दारो को सबक सिखाया जायेगा और पूछा जायेगा की ,देव भूमि पर तुमको अपने आंचल में पालने वाली आई आई टी के दामन को तुमने क्यों अपने पैरो तले रोंदा है ?      लेकिन अफ़सोस हिमाचल के निवासियों ने तो जैसे आई आई टी मंडी से नाता ही तोड़ लिया हो , उनको तो मतलब ही नहीं आई आई टी से । में पूछना चाहता हूँ उन हिमाचली लोगो से जो छुप छुप कर मुझे फोन करके मदद मांगते है और बोलते है की आई आई टी के गदारो को आप ही सबक सिखवा सकते हो, क्या वो अपने हिमाचल के लिए कुछ करेंगे या सिर्फ अपने स्वार्थ के पैरो तले दबे होकर बाहरी लोगो से ही मदद मांगते रहेंगे ? चाहे मुद्दा गरीब सुरक्षा कर्मियों जिनसे 5000 रुपये तक का फाइन ( हफ्ता वसूली)का हो या उनको डरा कर ट्रांसफर कर चंडीगढ़ भेजने का, टुच्चा सिंह जी आप तो शर्म ही कर लो, जब देवांग साह

कश्मीर तो हो गया,अब कश्मीरियों को पाना है,हमने जमीन के टुकड़े को नहीं, कश्मीरियत को भारत बनाया है ..

आज हर भारतीय को कश्मीर पर हुए फैसले पर गर्व भी है और ख़ुशी भी लेकिन , हम भारतीय को इस जीत पर गर्व करना चाहिए न की कश्मीर के लोगो का उपहास, आज यदि हम लोग उनका स्वागत करने की बजाय तिरस्कार करेंगे, उपहास उड़ायेंगे तो हम कश्मीर की ज़मीन तो पूर्णतया पा लेंगे लेकिन कश्मीरियत  को नहीं पा सकेंगे और किसी भी राज्य की धरोहर उनके लोगो से ही है...न की ज़मीन के टुकड़े से । उनकी भावनाओ का सम्मान करते हुए, अब हर भारतीय के सामने चुनौती होगी की कश्मीरियों को कैसे भारत की मुख्यधारा से जोड़ा जाये क्योकि आजतक उनको देशद्रोही ताकतों ने निजी स्वार्थ के लिए भारत एवं भारतीय को उनका दुश्मन बता रखा था, कल के कदम से उनके अंदर यह भावनाये और भड़क सकती है लेकिन अब हमें मौका मिला है उनको इतना सम्मान दे की वो खुद समझ जाये की उन्होंने जो आज पाया है वो उनके इतने सालो से वो क्यों गुमराह हुए , और यह अहसास सरकार नहीं हमको उनको करवाना है, हो सकता है आज वो दुखी हो क्योकि उनको यह लग रहा है  उनका कश्मीर, उनकी ज़मीन, उनका रोजगार, उनकी संस्कृति सब भारत ने बंदूकों के दम पर छीन ली है , उनको यह गुमराह किया गया है कई सालो से , ल