Skip to main content

Posts

Showing posts from July, 2018

"केडीएल भगाओ,कोटा बचाओ "आंदोलन को मिल रहा अपार जन सहयोग...

हमतो भर लेंगे तिजोरी तुमको लूटकर, बोलो बचकर कैसे दिखाओगे ... सुनने वाला तुम्हारी यहाँ कोई नहीं, तुम चाह कर भी कुछ न कर पाओगे .. मौन है यहाँ सारे आका तुम्हारे, तुम किससे अर्जी लगवाओगे ... खरीद लिया तुम्हारा सुख "उनसे", तुम बस मजबूर बनके,आंसू ही बहा पाओगे .. स्मार्ट मीटर से आम इंसान की जेब पर झटके देने वाली कंपनी की और से ये लाइन कोटा की जनता पर सटीक बैठती है I      शैक्षणिक नगरी में जहा लाखो विद्यार्थी पुरे देश से हर साल शिक्षा के लिए आते है,उनको अब स्मार्ट मीटर की वजह से ज्यादा किराया देना पड़ रहा है, हजारो युवाओ के रोजगार पर इस स्मार्ट मीटर का असर इतना पड़ा की उनके घर के राशन प् इसका सीधा असर देखने को मिला, चाहे गरीब हो या अमीर, सबकी जेबो पर डाका डाल रहा है यह स्मार्ट मीटर ... लेकिन कोटा के ही एक समाजसेवी एवं राजस्थान नव निर्माण संघठन के अध्यक्ष हिम्मत सिंह हाडा कोटा के दर्द को समझते हुए इस निजी तानाशाही कंपनी को कोटा से हटाने के लिए आंदोलन छेड़ा है, जिसे कोटा की जनता का भरपूर समर्थन मिल रहा है , हिम्मत सिंह हाडा ने चेतनावणी भी दी है यदि यह कंपनी को सरकार  द्वारा

IIT मंडी में भ्रष्टाचार पर महीनो बाद भी सरकार चुप, विरोध में मुंडवाया सर.....

हमारे देश में भ्रष्टाचार का दीमक सदियों से चला आ रहा है। कई सरकारों ने इसके खिलाफ कड़ा रुख ज़ाहिर कर सत्ता हथियाई, लेकिन सत्ता में आने के बाद हर बार आम जनता को धोखा दिया गया। ऐसी ही कुछ कहानी है मंडी, हिमाचल प्रदेश में स्थित राष्ट्रीय स्तर की नामी संस्थान आईआईटी मंडी की। जहां अभी बरसात के मौसम में भूचाल आया हुआ है। अक्सर शांत रहने वाले हिमाचल में इन दिनों आरोपों का दौर चला जा रहा है।  मेने एवं एक अधिकारी कर्नल देवांग नाइक ने आईआईटी मंडी में हो रहे कुकर्मों के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है। गत महीने मीडिया से बात करते हुए बताया कि किस तरह से भाई भतीजावाद आईआईटी में हावी हो रहा है। उसके बाद चहेतों को नौकरी, कर दाता के पैसे की बर्बादी, कर्मचारियों में भेदभाव के साथ-साथ ढेरों अनियमतता आदि पर सबूतों के साथ आईआईटी में हो रहे घोटालों का पर्दाफाश किया। साथ ही सरकार से अपील भी की कि इन सबकी निष्पक्ष उच्च स्तरीय जांच करवाई जाए, जिसके लिए चालीस दिन की समय सीमा सरकार को दी गयी। किन्तु देश का दुर्भाग्य है की सरकार ने अभी तक कोई कदम नहीं उठाया है, बल्कि आईआईटी मंडी ने हमको कारण बताओ नोटिस थमा दिया