तमाम नियम बना डाले, कई कायदे बना डाले करा झमेला ज़माने भर का ,लेकिन हकीकत पर तुमने जुबां पर ताले लगा डाले...... तमाम एक्ट, नियम कायदे बनाये जाते है ताकि भारत में रहने वाले हर तबके के इंसान के साथ न्याय हो, लेकिन जब उच्च शिक्षण संसथान ही उनके यहाँ कार्यरत आउट सोर्स स्टाफ के साथ भेदभाव करे ,उनके हक़ के लिए कोई कदम न उठाये तो यह एक बहुत बड़ी चिंता का विषय है-ऐसा ही प्रतीत हुआ देश के सर्वोच्च उच्च शिक्षण संस्थानों में से एक संस्थान आई आई टी, दिल्ली से प्राप्त उत्तर में जिसमे बताया गया की आउट सोरस कर्मचारियों को हम नहीं चलाते बल्कि एक एजेंसी के द्वारा चलाया जाता है, और हम किसी भी आउट सोर्स कर्मचारी को बोनस नहीं देते, साथ में संस्थान ने बताया की शिक्षण संस्थान के कर्मचारियों को इस एक्ट में छूट दी गयी है ..और तो और संस्थान ने आउट सोर्स कर्मचारिर्यो की सूचि भी उपलब्ध नहीं करवाई जो बोनस के लिए उपयुक्त है .... जबकि वही के कुछ आउट सोर्स कर्मचारियों ने मुझे बताया था की उनको बोनस नहीं दिया जाता और हमारी सारी डिटेल आई आई टी प्रबंधक के पास है अत यह कहना की हमारे पास कर्मचारियो की सूचि नहीं यह सफ़ेद झ