Skip to main content

Posts

Showing posts from December, 2019

राजस्थान के पहले तकनिकी विश्वविद्यालय की दुखद दास्तान, 55% से ज्यादा पद खाली,बेरोजगारों के दबा रखे है 100 लाख रुपये से ज्यादा

राजस्थान राज्य में तकनिकी शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए राजस्थान सरकार ने कोटा जिले में एक तकनिकी विश्वविद्यालय खोलने की घोषणा की जिस के तहत वर्ष 2006 में अभियांत्रिकी महाविद्यालय कोटा रावतभाटा रोड को राजस्थान तकनिकी विश्वविद्यालय का संघटक कॉलेज मानकर इसी में राजस्थान का पहला तकनिकी विश्वविद्यालय खुला।जब यह विश्वविद्यालय खुला तो राजस्थान के ,खासकर कोटा के लोगो में उत्साह एवं ख़ुशी थी की रोजगार के साथ-साथ अब शिक्षा, शोध और अभियांत्रिकी के नए आयाम कोटा में स्थापित होंगे। लेकिन मात्र 13-14 वर्ष में यह विश्वविद्यालय अब अपनी दयनीय हालत पर रो रहा है, अभी तो इसको दो दशक भी नहीं हुए की इसकी हवा निकलती नजर आ रही है । विश्वविद्यालय में मौजूदा समय पर टीचिंग एवं नॉन टीचिंग के कुल मिला कर लगभग 55% से ज्यादा पद खाली पड़े है यानि की यु कहे तो राजस्थान की पहली तकनिकी यूनिवर्सिटी मात्र लगभग  44% स्टाफ के दम पर तकनिकी शिक्षा को बढ़ावा दे रही है। इसके साथ ही वर्ष 2011 से भर्ती के नाम पर बार-बार विज्ञप्ति जारी कर बेरोजगार युवाओ के साथ भद्दा मजाक तो किया जा ही रहा है, इसके अलावा इन्ही बेरोजगारों से

जिनकी डिग्री पर बवाल, उससे कोई न पूछे सवाल, फर्जी डिग्री लाओ, आई आई टी गुवाहाटी में नौकरी पाओ..

आई आई टी में पढ़ाई करने के लिए तमाम तरह की कठिन परीक्षा पास करने के बाद दाखिला मिलता है वहीं देश के जाने माने और विश्व में अपनी साख रखने वाला संस्थान आई आई टी गुवाहाटी में दो रेगुलर कर्मचारी ऐसे नजर में आये है जिनकी डिग्री एक ऐसे संस्थान से है जिसके बारे में यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन ( UGC ) तक को नहीं पता, अमूमन कहा जाये तो इस शिक्षण संस्थाओ को तो डिग्री देने का अधिकार भी प्राप्त नहीं । जब मेने इसके बारे में आई आई टी संस्थान को लिखित शिकायत दी तो संस्थान ने UGC को लेटर लिख कर जवाब माँगा की क्या भारतीय शिक्षा परिषद् लखनऊ ,उत्तर प्रदेश के द्वारा दी गयी डिग्री मान्य है ? और UGC ने भी आई आई टी गुवाहाटी संस्थान को जवाब में बताया की उपरोक्त यूनिवर्सिटी  UGC की उस लिस्ट में नहीं है जिसके तहत यूनिवर्सिटी  को स्थापित किया जाता है, अत: इसके द्वारा जारी की गयी डिग्री वैद्य है या नहीं इसकी सुचना उपलब्ध नहीं है। UGC का यह जवाब अपने आप में सभी शंकाओ को दूर कर देता है लेकिन आई आई टी गुवाहाटी ने इस जवाब को साइड में रख कर अभी छ: महीने से सिर्फ समिति बना कर इसकी जाँच बिठाई है जबकि डॉ बृजेश र

नागरिकता संशोधन बिल भारत के लिए ऐतिहासिक कदम या भूल?

भारत के विभाजन के प्रमुख कारणों में से एक नेहरू एवं जिन्ना की सत्ता के प्रति लालसा भी रहा "भारत में चल रही अशांति का अंतिम रास्ता है इंडिया का विभाजन , हिन्दू इंडिया और मुस्लिम इंडिया को हर हाल में अलग होना होगा। हमारा इतिहास, संस्कृति,भाषा ,वास्तुकला, संगीत, कैलेंडर यहाँ तक की कानून और जिंदगी जीने का तरीका हिंदुसो से पूरी तरह अलग है। एक इंडिया के बारे में सोचना असंभव है इसका मतलब मुस्लिमो को दबाना होगा, ब्रिटिश हुकूमत के वर्चस्व वाली व्यवस्था में हिन्दुओ के शासन की भूमिका को मुस्लिम कभी स्वीकार नहीं करेगा।" मोहम्मद अली जिन्ना की यह आजादी से पहले भारत के विभाजन के समय कहे गए कथन थे। आज केंद्र में भारतीय जनता पार्टी की सरकार है अधिकांश मुस्लिमो में असंतोष की स्थिति बढ़ रही है, उनको सरकार का हर कदम उनके खिलाफ नजर आ रहा है, उनको लग रहा है की उनको दबाया जा रहा है उनके हक़ मारे जा रहे है। दशकों से लंबित पडे कश्मीर का धारा 370 का मसला हो या मुस्लिम महिलाओ के ट्रिपल तलाक का मुद्दा,अयोध्या मसले पर आये सुप्रीम कोर्ट के फैसले को भी लेकर   मुस्लिम सम्प्रदाय के कुछ लोगो के मन में शंका

हैदराबाद एनकाउंटर से दुखी बुद्धिमान लोगो, आप अन्याय के नहीं,कुंठा के शिकार है..क्या कलकत्ता की बेटी के लिए न्याय मांगोगे ?

हैदराबाद अविस्मिसरणीय ऐतिहासिक एनकाउंटर से जिस तरीके से दिशा ( बदला हुआ नाम ) के परिवारजनो को संतुष्टि मिली उससे दिल को बड़ा सुकून मिला। यह सच्ची श्रंद्धाजलि थी दिशा को क्योकि लम्बी न्यायिक प्रक्रिया के तहत शायद न्याय मिलता या नहीं इसका कोई भरोसा नहीं, क़ानूनी दावपेंच एवं लूपहोल्स का फायदा उठाकर न जाने कितने ऐसे आरोपी बेगुनाह सिद्ध हो चुके है। इस एनकाउंटर के बाद देश में बहस छिड़ी है की ,क्या जुडिशल किलिंग सही है? और साथ ही यह की, उन्नाव, सेंगर,आसाराम, चिमयानन्द,दांती महाराज का एनकाउंटर कब होगा ? अब जो लोग इस एनकाउंटर को जुडिशल किलिंग बता रहे है क्या उनको कानून पर भरसो नहीं ? पुलिस ने जो किया वो कानून के दायरे में रहकर किया है,अपनी आत्म रक्षा में किया फिर भी आप जैसे बुद्धिमान लोगो के लिए जाँच बैठा दी गयी है, तोडा जा रहा है ऐसे पुलिस वालो का मनोबल अब इसकी जाँच होने दे तब तक अपनी बुद्धि का परिचय दे। अब दूसरी बात जो सेंगर , चिमयानन्द, आसाराम,उन्नाव रेप केस के आरोपियों की एनकाउंटर की उठ रही है । जो लोग इन लोगो के एनकाउंटर की मांग कर रहे है उनका पीड़िता से कोई लेना देना नहीं, उनको न