Skip to main content

हैदराबाद एनकाउंटर से दुखी बुद्धिमान लोगो, आप अन्याय के नहीं,कुंठा के शिकार है..क्या कलकत्ता की बेटी के लिए न्याय मांगोगे ?

हैदराबाद अविस्मिसरणीय ऐतिहासिक एनकाउंटर से जिस तरीके से दिशा (बदला हुआ नाम) के परिवारजनो को संतुष्टि मिली उससे दिल को बड़ा सुकून मिला। यह सच्ची श्रंद्धाजलि थी दिशा को क्योकि लम्बी न्यायिक प्रक्रिया के तहत शायद न्याय मिलता या नहीं इसका कोई भरोसा नहीं, क़ानूनी दावपेंच एवं लूपहोल्स का फायदा उठाकर न जाने कितने ऐसे आरोपी बेगुनाह सिद्ध हो चुके है। इस एनकाउंटर के बाद देश में बहस छिड़ी है की ,क्या जुडिशल किलिंग सही है? और साथ ही यह की, उन्नाव, सेंगर,आसाराम, चिमयानन्द,दांती महाराज का एनकाउंटर कब होगा ?


अब जो लोग इस एनकाउंटर को जुडिशल किलिंग बता रहे है क्या उनको कानून पर भरसो नहीं ? पुलिस ने जो किया वो कानून के दायरे में रहकर किया है,अपनी आत्म रक्षा में किया फिर भी आप जैसे बुद्धिमान लोगो के लिए जाँच बैठा दी गयी है, तोडा जा रहा है ऐसे पुलिस वालो का मनोबल अब इसकी जाँच होने दे तब तक अपनी बुद्धि का परिचय दे। अब दूसरी बात जो सेंगर , चिमयानन्द, आसाराम,उन्नाव रेप केस के आरोपियों की एनकाउंटर की उठ रही है । जो लोग इन लोगो के एनकाउंटर की मांग कर रहे है उनका पीड़िता से कोई लेना देना नहीं, उनको न्याय से कोई लेना देना नहीं, उनके मन में बस पार्टी एवं हिन्दू धर्म के सामान्य वर्ग के प्रति कुंठा बैठी हुई है की, उन चारो "बिचारो" "गरीब" "मासूम" को मार दिया इनको क्यों नहीं, जबकि अभी तो उन बिचारो ने सिर्फ जुल्म ही कबूल करा था, अभी तो वकील से बात करके वो लोग बदल भी सकते थे, छूट भी सकते थे, हो सकता है कोई नाबालिग हो और गलती से कर दिया,या कोई भटका हु नौजवान होगा ? यदि वाकई में इनको बेटियों की चिंता होती तो वो मालदा कांड, कलकत्ता, जिसमे 27 नवंबर 2019 को 20 वर्ष की बेटी को ठीक इसी तरह बेरहमी से मारा गया जिस तरीके से हैदराबाद की दिशा को ,बेटी का पहले रेप किया गया फिर जिन्दा जला कर उस की हत्या करदी गयी फिर शव को फेक दिया गया लेकिन वहाँ न बेटी की जात पता लगी न ही हत्यारो का धर्म , इसलिए यह लोग मुँह में दही जमा कर बैठे है। इन लोगो को आंध्र प्रदेश में हुए 16 साल की बेटी के साथ हुए हादसे से कोई मतलब नहीं जिसमे 6 लोगो ने बड़ी बेरहमी से गैंगरेप किया और उनमे से तीन लोग माइनर होने के कारण छोड़ भी दिए गए । बिहार में 19 वर्षीया बेटी का 6 लोगो के द्वारा उसी के पिताजी के सामने वाले रेप से कोई फर्क नहीं पड़ता, न ही यह कभी पूछेंगे की 6 साल की तेलंगाना के एक मजदुर की बेटी का रेप हो गया और उसको मार दिया गया, वो बेटी होली के दिन से लापता थी। मुंबई के 9 वर्ष की बेटी को रेप किया गया उसके बाद उसको मार कर पब्लिक टॉइलेट में डाल दिया गया , उत्तर प्रदेश में ही 3 लोगो ने न बोलने एवं सुनने वाली मासूम का न सिर्फ रेप किया बल्कि उसका वीडियो भी अपलोड किया, इन लोगो को इस बेटी के लिए भी न्याय नहीं चाहिए, मुंबई में ही एक सामाजिक सेवक ने 43 वर्षीया मानसिक रोगी महिला का रेप किया, तो केरला में 27 नवंबर को ही 42 साल की महिला का रेप किया और फिर उसे पीट-पीट कर मार डाला आरोपी उमर अली था, केरल का निर्भया केस जिसमे दलित की 30 साल की बेटी को रेप करके उसके शरीर पर 20 से ज्यादा जख्म दिए और मार दिया गया, उससे भी कोई मतलब नहीं क्योकि आरोपी इस्लाम नाम का था , कलकत्ता में तो पुरे तरीके से शांति स्थापित है इन इंसाफ चाहने वालो के लिए वहाँ की बेटिया तो सौतेली है फिर भी कुछ केस वहाँ के भी बता दू क्या पता इनको थोड़ी शर्म आ जाये, मध्यग्राम में स्कूल की बच्ची का दो बार सामूहिक बलात्कार किया जाता है फिर उसे जला दिया जाता है उसमे 6 लोग आरोपी थे जिसमे से एक तृण मूल कांग्रेस का नेता बताया जाता है , कामदुनी सामूहिक कांड तो शायद गलती से सुन लिया हो जिसमे 9 मुस्लिम आरोपी ने बलात्कार किया उसके बाद बड़ी ही निर्मंमत से हत्या कर दी बेटी की और उसमे से 2 आरोपियों को सबूत की कमी की वजह से रिहा कर दिया जबकि 3 को फांसी एवं 3 को आजीवन कारवास, पार्क स्ट्रीट तो पता ही होगा 2012 का केस जिसमे चलती कार में बलात्कार किया और जब यह मामला उठा तो सबकी प्यारी ममता दी ने इसे मनघडंत बता कर सरकार को बदनाम करने की साजिश तक बता डाला और जिस पुलिस अधिकारी ने रेप की पुष्टि की उसका तुरंत प्रभाव से ट्रांसफर भी कर दिया गया और उसमे सभी आरोपी मुस्लिम थे।

इंदौर में 2019 में ही 4 साल की बेटी का रेप करके कुँए में फेंक दिया जाता है, गुड़िया शिमला का केस जिसमे दसवीं क्लॉस की बेटी का रेप किया जाता है और उसके बाद बड़ी ही निर्ममता से उसकी हत्या करके शव को जंगल में फेक दिया जाता है, शव जब मिला उसके हाथ पाव तक इस तरीके से मुड़े हुए थे की शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता और मुंबई का शक्ति मिल तो सबको ही पता होगा जिसमे 22 साल की फोटो जोउर्नलिस्ट के साथ 5 आरोपियों ने 6 बार बियर की बोतल तोड़कर गर्दन पर रखकर रेप किया जब उस महिला ने इसको पुलिस में रिपोर्ट किया तब एक और महिला सामने आयी और बताया की इन 6 में से तीन ने मेरे साथ भी कुछ दिन पहले ही किया और डराया की बताया तो पुरे परिवार सहित खत्म कर देंगे और बदनामी होगी वो अलग। इस केस में 2 को माइनर की वजह से छोड़ दिया । पंचकूला में 5 साल की बेटी जो पूजा करने गयी थी फिर वापस नहीं आयी क्योकि उसका रेप करके इट से बड़ी ही बेरहमी से मार कर हत्या कर दी गयी । इन बेटियों के लिए कोई आवाज नहीं उठेगी, टोंक राजस्थान में 6 साल की मासूम का बलात्कार किया जाता है उसके बाद इतनी जोर से गाला दबाया जाता है की उसकी आंखे तक बाहर आ जाती है ।

क्या उन्नाव, सेंगर , राम रहीम, दांती महाराज पर जाम हुई आपकी इंसाफ की झूठी कैसेट अब इन सब बेटियों के लिए भी विचार फ़रमायेगी या सिर्फ पार्टी विशेष या हिन्दू में धर्म में भी सामान्य वर्ग के आरोपियों तक ही आपकी डिमांड है ? "हम" लोग न अपराधी का धरम देख कर खुश है न ही बेटी की जात , हम खुश है नपुसंक सिस्टम की लाचारी की हार पर, हम खुश है की एक एनकाउंटर ने न जाने कितनी बेटियों के परिवार को न्याय दिलाया हम खुश है की इस एनकाउंटर में न सिर्फ आरोपी मारे गए है बल्कि उन आरोपियों के माइनर होने या छूटने की हर आशंका भी खत्म हो गयी ।

अब रहा सवाल जाँच का तो करते रहिये करोड़ो लोगो की दुआ है उन पुलिस वालो एवं उनको दिशा निर्देश देने वाले राजनेताओ या अधिकारिओ के साथ । भले ही उनका मकसद कुछ भी हो लेकिन हमारा मकसद सिर्फ बेटी को मिले न्याय तक ही है ।

Comments

Popular posts from this blog

देव भूमि हिमाचल को मिला "कृष्ण भक्त" सादगी और परोपकार के धनि निर्देशक आई आई टी मंडी के लिए,बहुतो के पेट में हो रहा दर्द

हिमाचल आई आई टी मंडी को लगभग 2 वर्षो बाद पुर्णकालिन निर्देशक मिल ही गया है. इससे पहले आई आई टी मंडी में निर्देशक श्री टिमोथी ऐ गोनसाल्वेस थे जिन्होंने 10 वर्षो से भी ऊपर आई आई टी मंडी में निर्देशक के पद पर कार्य किया था.  उनके कार्यकाल के समय कई कोर्ट केस भी हुए, घोटालो के आरोप लगे जो अभी तक उच्च न्यायलय में विचाराधीन है. अब आई आई टी मंडी जो की देव भूमि हिमाचल के सबसे बड़े जिले मंडी में स्थित है, को एक दशक बाद दूसरा, नया पूर्णकालिक निर्देशक मिला है जिनका नाम  श्री "लक्ष्मीधर बेहेरा"है.किन्तु यह दुखद है की उनके निर्देशक नियुक्त करने की घोषणा के बाद एवं पद ग्रहण करने से पूर्व ही उनको बेवजह की कंट्रोवर्सी में खींच लाया गया और एक एजेंडा के तहत नरेटिव सेट कर दिया गया .  यह इसलिए हुआ क्योकि वो तिलकधारी है, श्री कृष्ण के उपासक है,सेवा भावी है , छल कपट, आडम्बर से दूर है. सूट-बूट, कोट-पेंट के बजाय कई बार धोती एवं सादा सा कुर्ता पहन, गले में तुलसी माला धारण कर अपने कर्मो का निर्वहन करते है.      प्रोफ बेहेरा के बारे में थोड़ा सा जान ले... प्रोफ बेहेरा आई आई टी कानपूर के इलेक्ट्रिकल ब्रां

Amendment must be adopted in Indian Railway policy

           RAC amount should be 50-60% of confirmed ticket. 2.        Sleeping accommodation should be reviewed again. 3.        PRS Waiting ticket amount should be refunded automatically in given account number, there for      reservation form should be redesigned. 4.        All goods purchase from IRCTC either mobile catering or stationary  ,bill should be furnished so that  over charging can't take place. 5.         Food item served by IRCTC should carry item details with IRCTC logo or authenticity. 6.        confirmed ticket cancellation policy should be redesigned. 7.        Radical amount should be charged for achieving ticket ,should not be next multiple of five rupees, in online system . (751+40+45+54+153+226= 1251 but IRCTC charges 1255,  Train Number: 12431, Class : 3A, Date : 31-8-2017 ) 1 Base Fare Reservation Charge Superfast Charge Other Charges Tatkal Charge Total GST Catering charge # Dynamic fare

4 IITs, 6 IIITs, 5 NITs लम्बे समय से चल रहे बिना नियमित निर्देशक के, साथ ही 8 IITs में बोर्ड ऑफ़ गवर्नर का चैयरमेन भी नियुक्त नहीं

 18 महीनो से ज्यादा समय से खाली है आई आई टी मंडी एवं आई आई टी इंदौर में निर्देशक का पद तो दो ट्रीपल आई टी को है सालो से अपने नियमित निर्देशक का इंतजार. यूनियन मिनिस्टर धर्मेंद्र प्रधान ने हाल ही लोकसभा में एक प्रश्न के उत्तर में बताया था की पांच आई आई टी और एन आई टी संस्थानों में नियमित निर्देशक के पद खाली पड़े है साथ ही 29 बोर्ड ऑफ़ गवर्नर चैयरमेन के पद भी विभिन्न आई आई टी एवं एन आई टी में खाली पड़े है. इसी विषय में मेरी आर टी आई के संदर्भ में शिक्षा मंत्रालय द्वारा दिए गए उत्तर से पता चला है दो आई आई टी में 18 महीनो से अधिक तो 1 आई आई टी में 12 महीने से अधिक समय से नियमित निर्देशक का पद खाली है जबकि 1 ट्रिपल आई टी में वर्ष 2013-14 तो दूसरी ट्रिपल आई टी में वर्ष 2015-16 से ही निर्देशक का पद खाली चल रहा है. राष्ट्रीय स्तर के संस्थान में खाली पड़े इन पदों को भरने में शिक्षा मंत्रालय ने कोई खास रूचि नहीं रखी.हालाँकि यूनियन मिनिस्टर ने पांच आई आई टी में निर्देशक के पद खाली होने का जवाब लोकसभा में 19 जुलाई को दिया जबकि 13 जुलाई को मंत्रालय के द्वारा मुझे दिए गए उत्तर में चार आई आई टी में निर्द