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जब पेड़ ख़राब हो तो फल कैसे मीठा होये, अब IIT Mandi के छात्र/कर्मचारी ने कैंटीन टेंडर Renew के मांगे 50 हजार रुपये, वेंडर का आरोप..

बोया पेड़ बबूल का तो ,आम कहाँ से होये, 
पदचिन्ह ही गलत हो तो मंजिल सही कैसे हो सकती है ? यही बात सिख रहे है आई आई टी मंडी के कुछ विद्यार्थी, शायद पढ़ाई में निपुण हो या नहीं लेकिन भ्र्ष्टाचार में जरूर महारथ हासिल करने में जुटे है ।

  
आई आई टी मंडी संसथान, जिसके कई कर्मचारी पर भ्र्ष्टाचार का सिरमौर होने का टैग लगा है साथ ही लोकसभा में इसके करप्शन की जाँच की मांग सांसद साहब राम स्वरुप शर्मा ने कई बार उठाई साथ ही पत्र लिखकर भी मजबूत मांग की है, वही शिमला उच्च न्यायलय ने भ्र्ष्टाचार की जाँच की मांग पर मेरे एवं कर्नल देवांग नाइक द्वारा दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए आई आई टी मंडी से जवाब तलब किया वही इस श्रेणी में अब आई आई टी मंडी में ,हिमाचल के ही एक कैंटीन संचालक ने गंभीर आरोप लगाया है उसका कहना है की आई आई टी मंडी के तृतीया वर्ष के विद्यार्थी ने उनसे कैंटीन के कॉन्ट्रैक्ट को आगे बढ़ाने के लिए सेटलमेंट करने के लिए कहा और उसके लिए 50 हजार रुपये मांग की । मजे की बात तो यह है की शुभम शाह हॉस्टल सेक्रेटरी, आई आई टी मंडी के सेक्रेटरी के साथ हाल ही में लगे जूनियर सुपरिन्टेन्डेन्ट पविन सैमुअल का जिक्र भी कैंटीन संचालक ने किया है। कैंटीन संचालक ने बताया की छात्र ने उस 50 हजार रुपये में पविन सैमुअल का भी हिस्सा है।

 बाक़ायद वीडियो जारी करके संचालक ने आरोप लगाया है साथ ही उसने इन सब बातो की ऑडियो रिकॉर्डिंग होने का भी जिक्र किया है और तो और एक ऑडियो रिकॉर्डिंग तो संचालक ने मुझको उपलब्ध भी करवाई है, जिसमे कथित विद्यार्थी द्वारा सेटलमेंट की बात की गयी है।


दरअसल सनराइज कैफ़े का संचालन आई आई टी मंडी के नार्थ कैंपस में कॉन्ट्रैक्ट के माध्यम से हो रहा था । यह कॉन्ट्रैक्ट 1 सितम्बर 2018 से 31 जुलाई 2019 तक था जिसमे संचालक को 1000 रुपये मासिक किराया एवं बिजली बिल का अलग से भुगतान करना था। इस कॉन्ट्रैक्ट को आगे एक्सटेंशन की आज्ञा दोनों (आई आई टी मंडी प्रशासन एवं कैंटीन संचालक ) की आपसी सहमति से मिलनी थी। कैंटीन ने अपना कॉन्ट्रैक्ट बिना किसी शिकायत के पूर्ण किया इसीलिए जब कॉन्ट्रैक्ट ख़त्म होने को आया तो कैफ़े संचालक "अजय कुमार ठाकुर" ने कॉन्ट्रैक्ट समाप्ति के 4 दिन पहले यानि की 27 जुलाई 2019 को चीफ वार्डन, डीन ऑफिस, आई आई टी मंडी को पत्र लिखकर कॉन्ट्रैक्ट को आगे बढ़ाने की बात कही। अजय कुमार ठाकुर का कहना है की आई आई टी प्रशासन ने संचालक को कैंटीन कॉन्ट्रैक्ट आगे बढ़ाने की वर्बल परमिशन दे दी थी लेकिन कागजो में अप्रूवल नहीं आया, जिसके लिए मेने कई बार उनको रिमाइंडर भी भेजा। अजय ठाकुर ने बराबर अपना किराया कॉन्ट्रैक्ट खतम होने के बाद भी आई आई टी प्रशासन को जमा करवाया और इस बात का इंतजार करता रहा की अब उसको अप्रूवल का लेटर मिलेगा, लेकिन उसको सिर्फ आजकल बोल कर टाला जाता। "इसी बीच एक व्यक्ति एवं  के साथ कैंटीन संचालक की कॉल पर हुई बातचीत का ऑडियो क्लिप कैंटीन संचालक ने दिया जिसमे सेटलमेंट की बात की गयी थी और साफ तोर पर कैंटीन संचालक से पूछा गया की आप कंटिन्यू करना चाहते हो लेकिन कैसे ? अभी के लिए तो मेरे लिए बेनिफिसिअरी है की किसी और को यह कैंटीन दे दू।जब संचालक ने पूछा किस तरह का सेटलमेंट तो उसको कुछ दिन रुकने का बोला गया। अजय ठाकुर कैंटीन संचालक ने बताया की वह अन्य व्यक्ति जिसने यह सब बात मुझसे फोन पर की वो शुभम शाह, आई आई टी का थर्ड ईयर स्टूडेंट एवं हॉस्टल सेक्रेटरी है ।

लेकिन अभी सनराइज कैंटीन संचालक अजय ठाकुर ने एक वीडियो जारी कर विस्तृत में जानकारी दी  और बताया की "शुभम शाह ने कैंटीन को आगे चलाने के लिए उनसे 50 हजार रुपये मांगे जिसमे हॉस्टल सेक्रेटरी एवं जूनियर सुपरिन्टेन्डेन्ट पविन सैमुअल का भी हिस्सा बताया, यदि उन्होंने पैसे नहीं दिए तो कैंटीन कॉन्ट्रैक्ट किसी और को दे दिया जायेगा। 

उसके बाद, अभी 31  दिसम्बर 2019 को आई आई टी मंडी मेस एंड कैंटीन के केयर-टेकर नरेंद्र कुमार ने उनको कैंटीन खाली करने की बात कही क्योकि कैंटीन का कॉन्ट्रैक्ट किसी और को दे दिया गया है।अजय ठाकुर ने इतनी जल्दी कैंटीन खाली करने पर असमर्थता जताई । 

अजय ठाकुर ने वीडियो में बताया की उन्होंने अपने वकील के माध्यम से आई आई टी डायरेक्टर, डीन स्टूडेंट को को लीगल नोटिस/लेटर भेज कर जवाब माँगा है  जिसकी कॉपी डी सी ऑफिस मंडी एवं CM जय राम ठाकुर  को भी भेजी है  ।


अब यहाँ सवाल जो कुछ उठते है वो निम्न है- 

  1. कैंटीन संचालक के अनुसार, कैंटीन संचालक ने 31 जुलाई 2019 के बाद भी आई आई टी प्रशासन को कैंटीन चलाने के एवज में किराया का भुगतान किया जबकि उसे लिखित में कोई एक्सटेंशन नहीं दिया गया था। अब बड़ा सवाल यह है की जब उसका कॉन्ट्रैक्ट एक्सटेंड हुआ ही नहीं तो किराया किस चीज का लिए जा रहा था ? इतनी बड़ी लापरवाही का जिम्मेदार कौन है की कैंटीन का कॉन्ट्रैक्ट ख़त्म होने के बाद भी महीनो तक भी किराया देते हुए संचालक कैंटीन का संचालन करता रहा।
  2.  शुभम शाह, हॉस्टल सेक्रेटरी आई आई टी मंडी के ऊपर जो संचालक ने आरोप लगाया है क्या वो सही है?
  3.  कथित ऑडियो रिकॉर्डिंग में संचालक की किसके साथ वार्तालाप हो रही है जबकि संचालक का कहना है यह आवाज शुभम शाह की है ।
  4. ऑडियो रिकॉर्डिंग में किस तरह के सेटलमेंट की बात की जा रही है साथ ही यह कौन है जो कह रहा है की कैंटीन किसको मिलेगी वो उस पर निर्भर करता है ? साथ ही दूसरे को कैंटीन देना उसके लिए किस प्रकार से बेनिफिशरी हो सकता है ?
  5.  किस वजह से कॉन्ट्रैक्ट पूरा होने के पुरे एक सेमस्टर के बाद कैंटीन का टेंडर दूसरे को दे दिया गया ? 
  6.  50 हजार रुपये रिश्वत की डिमांड का आरोप जो की (कैंटीन के कॉन्ट्रैक्ट को एक्सटेंड करने के लिए )अजय ठाकुर कैंटीन संचालक की तरफ से शुभम शाह,आई आई टी सेक्रेटरी एवं जूनियर सुपरिन्टेन्डेन्ट पविन सैमुअल के खिलाफ लगाया गया , कितना पुख्ता है की जाँच की जाएगी? 


आदि कई ऐसे गंभीर सवाल है जिनके जवाब आई आई टी प्रशासन को देने चाहिए साथ ही सरकार को भी इस बंद आँखों वाले सिस्टम पर ध्यान देने की जरुरत है जहा अब इस तरह के विद्यार्थी बन रहे है जो की पढ़ाई के समय ही भ्र्ष्टाचार में लिप्त हो रहे है, वह किस तरह से आगे भारत निर्माण में सहयोग करेंगे यह बताने की जरुरत नहीं है ।

नोट- इस ब्लॉग में लिखे आरोप अजय ठाकुर के है. मेरे द्वारा वीडियो में दिए गए बयां को शब्दों में परिवर्तित किया गया है, मै, इनमे से लगाए गए आरोपों की सत्यता की गारंटी नहीं लेता और यह मेरा व्यक्तिगत ब्लॉग है " 

Comments

  1. Sad state of affairs! The culture of corrupt practices is trickling top down.whose name is taken is part of the coterie so who knows whether this is by design or an aberration? In any case why the contractor was asked to continue without extension of contract? This ad hocism is the hallmark of this institute!!!

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  2. The canteen food is not at all hygenic and even steel wire was found in the food they provided.Thus its good if the contract is terminated.

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    1. dear one matter is not whether tender was continued or terminated, matter is how he was allowed to run canteen after expiry of tenure i.e. July 2019. and how student may asked settlement?

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