सेहवाग, शिखर धवन, विराट कोहली, जोगेंद्र नेहरा ,युसूफ पठान ,जाहिर खान को खेलना सिखाया इंसान-पिता-बलात्कारी राम रहीम ने..
सेहवाग, शिखर धवन, विराट कोहली, जोगेंद्र नेहरा ,युसूफ पठान ,जाहिर खान को खेलना सिखाया इंसान-पिता-बलात्कारी राम रहीम ने..
जी हा, सही पड़ा आपने ....इंसान -पिता-बाबा क्लेम करते है की मेने विराट कोहली, युसूफ पठान, वीरेंद्र सेहवाग को खेलना सिखाया उसी के साथ आईपीएल के 30 से 40% बच्चे हमसे टिप्पस लेने आते है ...
उसके अलावा 32 नेशनल गेम के भी खिलाडी एवं इंटरनेशनल कोच रहे बाबा ..थ्रो बॉल ,बिलियर्ड्स, वाटर पोलो, क्रिकेट, कब्बडी ,स्नूकर, फूटबाल, वॉलीबाल , टेनिस तरह के कई ऐसे खेल है जो इंसान-पिता बाबा के बाये हाथ का खेल है और सबमे में वो टीम कप्तान हुआ करते थे...क्रिकेट में वो रणजी प्लेयर्स के साथ खेला करते थे ,बैटिंग में ओपनर की तरह वो आया करते थे बोलिंग में भी ओपनर की तरह ...सबसे मजे की बात ऑफ स्पिनर .लेग स्पिनर गूगली हर तरह की बॉलिंग में माहिर थे उसके अलावा विकेट कीपिंग से लेकर फिलिडंग में जहा भी सब से जयदा जरुआत होती थी इंसान -पिता बाबा को लगाया जाता था
बाबा का दावा है टी-20 उन्होंने स्टार्ट करवाया ....
बाबा का कहना है टी-20 उन्होंने 1999 में में शुरू किया और देश के कई नमी क्रिकेटर को कहा तो वो बोले नहीं बाबा हमे 50-50 ही पसंद है ..बाबा उनको कहा की खेल लो कहि ऐसा न हो तुम लोग खेल ही न पाओ ...
अट्ठा भी बाबा ने शुरू किया ..बाबा के अनुसार यदि 70 गज अगर शॉट मारो तो छक्का और 100 गज मारो तो अट्ठा होता है ...
अब बाबा आप बताये की जब आपके आश्रम ये सब सिखाया जाता है तो हरयाणा में जो हुआ क्या वो आपकी शिक्षा के बहुत बड़ी फैलियर को नहीं दर्शाता ...
माननीय तत्कालीन प्रधानमंत्री को लिखा गया लेटर की जिसने बताया बाबा की काली करतूतो के बारे में ...
यह पत्र जिन दो पीड़ित साध्वी ने लिखा उन्ही के सहस से बाबा आअज जेल के पीछे है भले हर सरकार की मंशा बाबा को बचाने की रही हो फिर भी सीबीआई के तत्कालीन अधिकारी ने अपनी मजबूत इच्छाशक्ति से इस अंजाम तक पहुंचाया ...उस समय की राज्य सरकार(चौटाला सरकार) ने कोर्ट में हलफनामा देकर सीबीआई जाँच न होने की गुहार लगायी किन्तु दो बहादुर बेटी के आगे सरकार भी घुटने तक दिए ...एक छोटे से पत्रकार छत्रपति ने इस मामले को बड़े लेवल में उजागर किया और सबके सामने लेकर आये ...उनको मरने की खुले आम धमकी तक दी गयी उन्होंने खुले मच से सरकर से मदद मांगी किन्तु सरर ने उनकी एक न सुनी और थोड़े दिनों बाद उनकी गोली मारकर हत्या कर दी गयी ....मरने से पहले भी वो अपना बयां दर्ज करवाना चाहते थे किन्तु सरकार के इशारे पर पुलिस ने उनका बयां दर्ज नहीं किया वर्ण उसी वक्त बाबा के गोरखदंड़े बंद हो जाते ...
जी हा, सही पड़ा आपने ....इंसान -पिता-बाबा क्लेम करते है की मेने विराट कोहली, युसूफ पठान, वीरेंद्र सेहवाग को खेलना सिखाया उसी के साथ आईपीएल के 30 से 40% बच्चे हमसे टिप्पस लेने आते है ...
उसके अलावा 32 नेशनल गेम के भी खिलाडी एवं इंटरनेशनल कोच रहे बाबा ..थ्रो बॉल ,बिलियर्ड्स, वाटर पोलो, क्रिकेट, कब्बडी ,स्नूकर, फूटबाल, वॉलीबाल , टेनिस तरह के कई ऐसे खेल है जो इंसान-पिता बाबा के बाये हाथ का खेल है और सबमे में वो टीम कप्तान हुआ करते थे...क्रिकेट में वो रणजी प्लेयर्स के साथ खेला करते थे ,बैटिंग में ओपनर की तरह वो आया करते थे बोलिंग में भी ओपनर की तरह ...सबसे मजे की बात ऑफ स्पिनर .लेग स्पिनर गूगली हर तरह की बॉलिंग में माहिर थे उसके अलावा विकेट कीपिंग से लेकर फिलिडंग में जहा भी सब से जयदा जरुआत होती थी इंसान -पिता बाबा को लगाया जाता था
बाबा का दावा है टी-20 उन्होंने स्टार्ट करवाया ....
बाबा का कहना है टी-20 उन्होंने 1999 में में शुरू किया और देश के कई नमी क्रिकेटर को कहा तो वो बोले नहीं बाबा हमे 50-50 ही पसंद है ..बाबा उनको कहा की खेल लो कहि ऐसा न हो तुम लोग खेल ही न पाओ ...
अट्ठा भी बाबा ने शुरू किया ..बाबा के अनुसार यदि 70 गज अगर शॉट मारो तो छक्का और 100 गज मारो तो अट्ठा होता है ...
कौन है राम रहीम?
राजस्थान के श्री गंगानगर जिले के गुरुसिरमोदिया में जाट-सिख परिवार से 15अगस्त 1967 को हुआ था ,यह दम्पति की एकलौती संतान थी महज सात साल की उम्र में ही ,23मार्च 1974 ...तत्कालीन डेरा प्रमुख शाह सतनाम सिंह के यह पुत्र नाम कर दिया था 23 सितम्बर 1990 को शाह ने देश भर से अपने अनुयाईओ को बुलाया और डेरा का उत्तराधिकारी राम रहीम को घोषित कर दिया .... जी ने रहीम के दो पुत्रिया एवं एक पुत्र है जबकि एक और पुत्री इन्होने गोद ले राखी है ,,,राम रहीम की पत्नी को आजतक किसी ने नहीं देखा ... डेरे की शाखाये अमेरिका U.A.E ऑस्ट्रेलिआ, इंग्लैंड ,कनाडा से लेकर बहुत जगह फैली हुई है... डेरे के लगभग 5 करोड़ अनुयाई है जबकि अकेले हरयाणा में ही डेरे के 25 लाख अनुयायी है .....
कोई संत कहता है कोई कहता है गुरु तो कोई कहता है भगवन लेकिन हम तो है एक इंसान-
आज इंसान को वो कायदे कानून की जरुरत है जो वो भूलता जा रहा है, इसांनियत का मतलब है किसी और के दुःख दर्द को देखकर उसके दुःख दार्द में शामिल होना ये कहना है बाबा का इंसान नाम देने के लिए ...और बाबा आगे कहते है ...हमारे आश्रम में ...हिंसा से दुरी ,नशे से मुक्ति करवाई जाती है, वेश्यावृति, मांसाहार से दुरी बनाने के गुर सिखाये जाते है ....अब बाबा आप बताये की जब आपके आश्रम ये सब सिखाया जाता है तो हरयाणा में जो हुआ क्या वो आपकी शिक्षा के बहुत बड़ी फैलियर को नहीं दर्शाता ...
माननीय तत्कालीन प्रधानमंत्री को लिखा गया लेटर की जिसने बताया बाबा की काली करतूतो के बारे में ...
यह पत्र जिन दो पीड़ित साध्वी ने लिखा उन्ही के सहस से बाबा आअज जेल के पीछे है भले हर सरकार की मंशा बाबा को बचाने की रही हो फिर भी सीबीआई के तत्कालीन अधिकारी ने अपनी मजबूत इच्छाशक्ति से इस अंजाम तक पहुंचाया ...उस समय की राज्य सरकार(चौटाला सरकार) ने कोर्ट में हलफनामा देकर सीबीआई जाँच न होने की गुहार लगायी किन्तु दो बहादुर बेटी के आगे सरकार भी घुटने तक दिए ...एक छोटे से पत्रकार छत्रपति ने इस मामले को बड़े लेवल में उजागर किया और सबके सामने लेकर आये ...उनको मरने की खुले आम धमकी तक दी गयी उन्होंने खुले मच से सरकर से मदद मांगी किन्तु सरर ने उनकी एक न सुनी और थोड़े दिनों बाद उनकी गोली मारकर हत्या कर दी गयी ....मरने से पहले भी वो अपना बयां दर्ज करवाना चाहते थे किन्तु सरकार के इशारे पर पुलिस ने उनका बयां दर्ज नहीं किया वर्ण उसी वक्त बाबा के गोरखदंड़े बंद हो जाते ...
Bhai Jabardast kaha se laye itni information..
ReplyDeleteThanks dear.... I m activist.... It's my duty to serve radical things...
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