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केंद्रीय मंत्री श्री जे. पी. नड्डा, पंडित श्री सुखराम हिमाचल....श्री घनश्याम तिवारी, श्री धर्मपाल चौधरी राजस्थान ..श्री सुरेंद्र सिंह हनी मध्य प्रदेश सहित दर्जनों विधायकों एवं अधिकारियो से किस तरह डर रहे है सरकारी विभाग....

कहने को तो सविंधान में सबके लिए एक जैसा स्थान है ,लेकिन यदि बात रुतबे की हो तो सरकारी महकमे भी अपने नियम दरकिनार कर देते है.... और जब बात कानून निर्माताओं की हो तब तो विभाग की  हिम्म्मत क्या की उनको ही कानून बताये.आखिर वो ही तो है जो देश के साथ जनता को भी "चला"  रहे है ....

कुछ ऐसा ही प्रतीत हुआ जब मुझे हिमाचल प्रदेश, राजस्थान, मध्यप्रदेश एवं उत्तर प्रदेश से जानकारी प्राप्त हुई ...मन बड़ा व्याकुल हुआ जब हकीकत सभी प्रदेशो में एक जैसी लगी ...और में यकीं के साथ कह सकता हु की  पश्चिम बंगाल, बिहार, केरल आदि प्रांतो में भी हाल यही होगा...


यकीन मानिये आपका दिल भी क्रोध से भर जायेगा जब जानेंगे हकीकत....😡😠😡😠

हिमाचल प्रदेश के 70 से भी ज्यादा विधायक और अधिकारी है जिनके सरकारी आवास के बिजली बिल कई सालो से बकाया है जिनमे  केंद्रीय मंत्री श्री जे.पी. नड्डा, श्री पंडित सुखराम, डॉ राजन सुशांत जैसे माननीय शामिल है इनका नाम मुझे सुचना में प्राप्त हुआ जो दिनांक 12,09.2017 को मुझे प्राप्त हुई ,हालाँकि अब इनका बकाया है या नहीं इसका मुझे ज्ञात नहीं ...इनमे से कई तो केंद्र में चले गए और कई भगवान के पास (भगवान उनकी आत्मा को शांति दे) ..लेकिन विभाग की मजाल नहीं जो इनसे बकाया राशि मांग सके....कम से श्री जे.पी. नड्डा जी का में बहुत आदर करता हूँ इसिलए इनसे तो उम्मीद ही नहीं थी....
..........
आपको एक वाक्या बता रहा हूँ, जिससे आपको आगे की हकीकत समझ आएगी , में कोटा के लाइट के ऑफिस में एक दोस्त के साथ उसकी समस्या के हल के लिए गया था ,वही पर एक बड़े अधिकारी साहब चश्मा लगा कर बैठे थे जो फोन पर लगे हुए थे ,हम इंतजार कर रहे थे की कब अधिकारी जी का ध्यान हम पर जायेगा की उसी बीच एक लगभग 50 साल की महिला आयी जिसके चेहरे पर काफी चिंताए थी, उन्होंने आते ही अधिकारी के सामने हाथ जोड़ लिए और कहा की "साहब मेरे 1800 रुपये का यह बिल है जिसको में जमा नहीं करा पायी , विभाग के अधिकारी आये थे बोले बिल जमा कराओ वरना 10 दिन में लाइट काट देंगे...साहब गरीब हूँ अभी नहीं करा सकती किश्तों में 2-3 महीनो में जमा करा दूँगी..."
बड़े अधिकारी  ने चश्मा चढ़ाते हुए .भोंहे तानते हुए डॉंट दिया की धर्मखाता थोड़े न है पूरा बिल जमा कराओ विद पेनल्टी..."
वो महिला काफी गिड़गिड़ाती रही लेकिन अधिकारी का दिल नहीं पिघला....
घर आकर में बेचैन हो गया और इसी बीच मेने कुछ जानकारी जुटाई..तो मालूम हुआ ना जाने कितने विधायक,मंत्री अधिकारी एवं सरकारी विभाग हर राज्य में है जिनके हजारो में नहीं लाखो में बिजली बिल कई सालो से बकाया चल रहा है लेकिन चश्मे वाले अधिकारी की क्या मजाल की उनको बिल भी हाथ में थमा सके ..तब पता चला बोर और खास इंसान के लिए दो अलग तरह के नियम होते है ...बड़े अधिकारिओ की मूछों में ताव सिर्फ बोर इंसान के लिए ही आता है...(बोर इसलिए कह रहा हूँ क्योकि आम तो अब खास हो गया है ,भाव बहुत बढ़ गए है ना ...पहुंच से दूर है गरीब की वो अब...)

इसी प्रकार ...अब बात करे...राजस्थान की तो वहां के भी 13 विधायकों 

की सूची मुझे प्राप्त हुई जिनमे श्री तिवारी जी ने बाजी मारी जो वसुंधरा सरकार को हर तरफ से कटघरे में खड़ा कर रहे है ...मान्यवर पहले आप कम से कम अपना कर्तव्य तो निभा ले ....आपका पिछले तीन साल से लाखो का बिल बकाया है ...उसी प्रकार इस श्रेणी में आगे श्री धर्मपाल जी... श्री मानसिंह जी जैसे अन्य लोग भी आते है ...(यह सुचना दिनांक 14.09.2017 पर आधारित है, इसके बाद का ज्ञात नहीं )

इसी श्रेणी में बात करे तो मध्यप्रदेश के श्री सुरेंद्र सिंह हनी ...श्री सुनील जैन ..श्री ओमप्रकाश धुर्वे के साथ कई और भी शामिल है जिनके ऊपर भी विभाग अपनी मेहरबानी दिखा रहा है ...(सूचि 21.09.2017 पर आधारित है )



यही नहीं अब यदि बात करे उत्तर प्रदेश की तो  विधायकों की सूचि तो मुझे नहीं दी किन्तु मेहरबानी की लिस्ट जरूर हाथ में थमा दी..उनमे सबसे ऊपर है पार्क RD V.N. पर 1 करोड़ से अधिक ,गुलिस्तां कॉलोनी के ऊपर  लाख से अधिक का बकाया आदि सब पर मिलकर 23 करोड़ से अधिक का बकाया राशि चल रही है ...


इसी सूचि में आगे कदम रखे तो सरकारी विभाग के  करोड़ो के बकाया राजस्थान ,मध्यप्रदेश, बिहार , उत्तर प्रदेश आदि में पिछले साल भी थे ,,,अभी भी है ....और शायद इसी तरह भेदभाव चलता रहा तो धरती के अंतिम पल तक यह सुविधा खास रसूखदार लोगो को मिलती रहेगी ....क्योकि विभाग उनके सामने लचर है...विभाग की मूछों में ताव तो सिर्फ कमजोर और बोर इंसान के लिए आता है...



इसी के लिए मेने तत्कालीन केंद्रीय ऊर्जा मंत्री श्री पियूष गोयल जी को पत्र लिखा था और उनसे आग्रह किया की कुछ नियम बनाये जाये ताकि सरकारी विभग खास लोगो के लिए बने हुए नियम ना तोड़े ...यदि नियम बनाना संभव नहीं तो प्रीपेड मीटर ही लगवा दे ..तो कम से विभाग की मज़बूरी तो  नहीं रहेगी ...लेकिन अब तक जवाब का इंतजार है ....

...मेरे लड़ाई आगे भी जारी रहेगी चाहे सरकर किसी की भी हो ...मेरी लड़ाई बानी हुई पॉलिसीस के ऊपर है ...ना की पार्टी विशेष से ना ही व्यक्ति विशेष से ....

I Love India ..will fight till last breath....
Bharat Mata ki Jai 💗👌👌👌

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