कहने को तो भारतीय औद्योगिक संस्थान (IIT) देश एवं हिमाचल का गौरव है यहाँ आई- भारतीय को दर्शाता है लेकिन इसी संस्थान में सरकार & विपक्ष की निष्क्रियता से इस आई को भारतीय से बदलकर आई- "मेरा" औद्योगिक संस्थान कर लिया अथार्त व्यक्ति विशेष का औद्योगिक संस्थान । जब ही यहाँ पर व्यक्ति विशेष की दया से ही नियम कायदे बनाये जा रहे है। "अपने है मौज में बाकि है खोज में" यह तकियाकलाम बिलकुल फ़ीट बैठता है यहाँ,आइये कुछ जानते है आई आई टी मंडी में शुरू से अपनों पर रहम बाकि पर सितम के कुछ नज़ारे और यह नज़ारे कुछ हिमाचल के गद्दारो को टुकड़ा डालकर किया जा रहा है और यह गद्दार हिमाचल के ही लोगो का नुकसान कर रहे है, जैसे झाँसी की रानी में हिमाचल की कंगना को धोखा दिया था झाँसी के ही उनके देवर ने- Ranga Billa को चापलूसी में सबसे ऊपर के अवार्ड से नवाजा जाये ,
अद्याय प्रथम -
Year 2010 , एक महिला कर्मचारी को कॉन्ट्रैक्ट पर रखा जिसकी तन्खाव मात्र 8000/- रुपये मासिक थी लेकिन लगभग छ: महीनो बाद ही असीम कृपा से उनकी तन्खाव सीधे 16000/- रुपये मासिक बढ़कर 24000/- रुपये मासिक हो गयी
उसके बाद इस से भी पेट नहीं भरा तो उनको रेगुलर करने के लिए एक विज्ञप्ति निकली जिसमे उनको अंदर करने के लिए शातिर तरीके से उनकी बिना काम की एजुकेशन को देखते हुए योग्यता निर्धारित की गयी और तो और उम्र सीमा भी हटा दी , उसका परिणाम यह आया की उक्त महिला ने लगभग 41 की उम्र में आवेदन किया मजे की बात यह रही की असीम कृपा का महिला को मालूम होने पर वो इतनी लापरवाह हो गयी की फॉर्म भरने की फॉर्मेलिटी भी उसने फॉर्म भरने की अंतिम तारीख निकलने के 17 दिन बाद की, और व्यक्तिगत औद्योगिक संस्थान के अधिकारियो ने आंख बंद कर ली और उक्त 42 साल की महिला को पांच एडवांस (अधिकतम) इन्क्रीमेंट देकर पब्लिक रिलेशन अफसर पर आई आई टी परिवार का रेगुलर सदस्य बना दिया गया और देश एवं हिमाचल के जोशीले युवाओ को बेवकूफ बना दिया, उक्त महिला पर असीम कृपा करने वाले बाबा ठग नाथ (टैग) 1008 की जय।
अध्याय द्वितीय-
ये दोस्ती हम नहीं तोड़ेंगे यह गीत के बोल आप सबने सुने होंगे लेकिन इसको दिल पर लिया व्यक्तिगत औद्योगिक संस्थान के बाबा ठग नाथ 1008 जी ने। आई आई टी मंडी में अफसर ऑन स्पेशल(OSD) ड्यूटी पर YEAR 2010 से 2012 सितम्बर तक रहे बाबा साहब के एक दोस्त जब संस्थान से "स्वेछा"(मालूम हो आई आई टी मंडी में बाबा साहब की दया से लोग आते है और असीम कृपा से जाने का काम भी अपनी इच्छा से ही करते है,कॉन्ट्रैक्ट ख़तम होने का प्रावधान यहाँ लागु ही नहीं होता ) से गए तो अपने प्रिय पुत्र को व्यक्तिगत औद्योगिक संस्थान में नौकरी लगाने का वचन बाबा साहब से लेके गए और अपने बाबा साहब थे दोस्ती के पक्के तो उन्होंने बिना कोई विज्ञप्ति के सीधे मीटिंग में फरमान सुना दिया उक्त प्रिय पुत्र को व्यक्तिगत औद्योगिक संस्थान के पुत्र से सम्मान दिया गया और नवमबर माह में उनको व्यक्तिगत औद्योगिक संस्थान में कॉन्ट्रैक्ट पर ले लिए गया । वैसे हमारे दयालु बाबा जो दोस्ती के लिए संस्थान क्या देश तक को बेचने के लिए तैयार है बड़े दूरदर्शी सोच के व्यक्ति है उनको पता था की 10 साल बाद तो मुझे व्यक्तिगत औद्योगिक संस्थान से जाना ही होगा अत: उक्त संस्थान पुत्र को नियमो कायदो से परे रहकर अधिकारी की पोस्ट के लायक बनाने के लिए सरकार के पैसे को लुटाते रहे और सैलरी बढ़ाते रहे। कुछ समय बाद पुत्र की धर्मपत्नी जो पहले से बाबा साहब के अंदर प्रोजेक्ट में काम कर रही थी अब उन पर भी असीम कृपा दिखाने का समय आ गया था तो सिलेक्शन कमिटी के मना करने के बाद भी सारे नियम कायदो को ताक पर रखते हुए उक्त बहुरानी को सिस्टम के अंदर ले लिया गया , इसे कहते है दोस्ती निभाना, बाबा साहब के दोस्ती की मिसाल इतिहास के स्वर्ण पन्नो में लिखी जाएगी बोलो बाबा ठग नाथ (टैग) 1008 की जय।
बाबा साहब के दोस्ती की मिसाल यही तक सीमित नहीं रही, आखिर दोस्ती मरने दम तक निभाते है तो अभी तो सिर्फ कॉन्ट्रक्ट पर ही लाये है बाबा साहब के दोस्त के पुत्र को, अभी असली दया होना बाकि है उसको रेगुलर करके , तो जनाब इंतजार हुआ खत्म और निकल गयी नई भर्ती 11.12.2015 में ,जिसमे पुत्र साहब ने अप्लाई भी कर दिया वैसे पुत्र साहब ने समय रहते तो अप्लाई कर दिया लेकिन जो एजुकेशन डॉक्यूमेंट लगाए वो संदेह पैदा करने वाले है जो भाईसाहब ने अपने पोस्ट ग्रेजुएट की मार्कशीट लगायी वो 31जनवरी 2015 की रही और मजे की बात रही की प्रोविशनल प्रमाणपत्र 25.11.2014 का रहा अब चमत्कार की बात तो यह रही की आई आई टी संस्थान में रेगुलर अधिकारी की पोस्ट के लिए अप्लाई करने वाले कैंडिडेट की पोस्ट ग्रेजुएशन एक ऐसे संस्थान से रही जहाँ मार्कशीट बाद में और प्रोविशनल पहले आ जाते है और फॉर्म को देखने वाली समिति के आँखों पर पट्टी बंध गयी जो मामला सीधे सीधे फ्रॉड के तहत आना चाहिए था उसको शॉर्लिस्ट करके सिलेक्शन प्रोसेस के लिए बुला लिया गया।
अब बात है सेलक्शन की तो साहब जान लो भारत सरकार के आदेशानुसार दिनांक 1 जनवरी 2016 से ग्रुप बी की पोस्ट तक की पोस्ट के लिए इंटरव्यू बंद कर दिए गए ताकि बाबा जैसे लोग अपने दोस्त के पुत्र को सिस्टम में अंदर लेके बाकि के ईमानदार परीक्षा देने वालो के साथ छलावा न कर सके लेकिन अभ्गयवश बाबा साहब ने व्यक्तिगत औद्योगिक संस्थान में यह आदेश मानने से साफ मना कर दिया नतीजा हुआ की उक्त परीक्षा में लिखित में टॉप करने वाली महिला को इंटरव्यू में सबसे कम नंबर देके बाहर कर दिया और लिखित परीक्षा में बिलकुल लाइन पर खड़े संस्थान पुत्र को बाबा साहब के आदेशानुसार इंटरव्यू में टॉप करवाकर ओवरआल टॉपर बना दिया गया । बोलो बाबा ठग नाथ (टैग) 1008 की जय। लेकिन अभाग्यवश , बाबा साहब के आदेश के आगे रजिस्ट्रार साहब ने डरते हुए मना कर दिया की इतना बड़ा घोटाला हम नहीं कर सकते जिसे रुष्ट होकर बाबा साहब ने उक्त परीक्षा को ही कैंसिल कर दिया लेकिन बाबा साहब के कोप के भागी न बने इसलिए रजिस्ट्रार साहब ने बाबा साहब के दाहिने हाथ सिगरेट-बीड़ी चौधरी साहब के साथ सांठ गांठ करके उक्त संस्थान पुत्र को जूनियर असिस्टेंट की सिफारिश की जिसमे सबसे जयदा एडवांस इन्क्रीमेंट की भी घोषणा की लेकिन बाबा साहब अपने अपने दोस्त के पुत्र को थर्ड ग्रेड की नौकरी देने के सख्त खिलाफ थे इससे उनकी दूरद्रष्टि सोच को गहरा आघात लगा और उन्होंने कहा की अगली बार के लिए तैयारी करो और इसी के साथ किसी को उक्त परीक्षा में सफल करार नहीं दिया गया। कई सारे सवाल यहाँ होते है लेकिन वो बहुत बड़ा हो जायेगा इसलिए नहीं लिख रहा हु, न मुझे टाइम न आपको पड़ना अच्छा लगेगा ।
उक्त दोस्त पुत्र एवं पुत्रवधु पर असीम कृपा करने वाले बाबा ठग नाथ (टैग) 1008 की जय।
अध्याय तीसरा-
अब जब इतनी असीम कृपा बरसाओगे तो बाबा साहब के चेले भी तो कुछ प्रसाद मांगेगे ही और बाबा साहब भी जानते है गब्बर के लिए साम्भा भी महत्वपूर्ण था अत: बाबा साहब ने अपने चेलो के लिए एक खास चेले (जिसे सब आई आई टी में रंगा बिल्ले में से रंगा के नाम से जानते है जो खुद असीम कृपा से रिटायर्ड होने के बावजूद भी आठ नो सालो से कुर्सी पर (कॉन्ट्रैक्ट पोजीशन) कब्ज़ा जमाये बैठे है ताकि बाबा साहब का हुक्म बजा सके और आज उनक तन्खाव 80 हजार के लगभग है और मजे की बात है की भर्तियों की पूरी जिम्मेदारी इनके हाथ में है किसी रेगुलर कर्मचारी के नहीं ) से कहा की जाओ पहले कॉन्ट्रक्ट भर्ती निकालो और उसमे एक बोर्ड ऑफ़ गवर्नर की धर्म पत्नी को लेना है, उक्त BOG के मेंबर ने आंख बंद कर रखी है तो मेरी ईमानदारी से उसको उसका हिस्सा भी मिलना चाहिए। उक्त चेले ने बाबा साहब के हुक्म पर गौर फ़रमाया और बोगस भर्ती निकली जिसमे कौंसलर के पद पर महिला को 20 हजार रुपये PER MONTH देकर आसीन किया गया , उक्त महिला के आने से सिस्टम में आनदं आ गयी । मजे की बात है जिस पद पर महिला आयी कहा जाता है उस पद का कोई ज्यादा खास काम नहीं है और उक्त महिला के पास कोई प्रोफेशनल डिग्री भी नहीं है लेकिन बाबा साहब की दया जिस प्रकार बढ़ती गयी उक्त साम्भा जैसे चेलो पर दया क सिलसिला भी जारी रखना पड़ा , उक्त महिला की सैलरी मात्रा छ: महीने में बढ़ाकर 25000 रुपये कर दी गयी और YEAR 2018 में उनकी सैलरी 50 हजार के पार थी ।
बाबा साहब की दया के अध्याय बहुत है में आपको अवगत करवाऊंगा लेकिन बाद में , अभी जरुरी यह है की बाबा साहब जैसा की आपको उक्त पड़ने से पता चला होगा की संतान पुत्र अभी तक कॉन्ट्रैक्ट पर ही कार्य कर रहे है जो बीस हजार से चलकर 45000 के लगभग तो आ गए लेकिन दोस्ती का वादा तो उनको रेगुलर करने का था जो सं 2015 में पूरा नहीं हो सका तो अब समय आ गया और तारीख 22 फेब्रुअरी (22.02.2019)को कयामत का दिन है इसलिए अब संस्थान पुत्र को रेगुलर करने की पूरी तैयारी है , कहा जा रहा है इस बार पेपर भी बता दिया गया और साथ ही BOG के चेले की धमर्पतनी जिसको आंनद की संज्ञा दी गयी थी उनको भी अब रेगुलर करना है अत: 22.02.2019 को दोनों को रेगुलर करने का मुहूर्त निकला है अत: आप सब जो जो भी इस ब्लॉग को पड़ रहे है से अनुरोध है की अपनी अंधी बहरी सरकार से अनुरोध करो की इस व्यक्तिगत संस्थान को वापस से आई आई टी संस्थान बनाया जाये जहाँ सरकारी आदेशों की अनुपालना हो, सब को बराबर का मौका मिले , आपको जानकर हैरानी होगी की देश के ही आई आई टी गोवा ने सरकारी आदेशों के अनुसार Interview लेना बंद कर दिया किन्तु आई आई टी मंडी ने घोटाले करने के लिए यह प्रथा अभी जारी रखी है ।
भाइयो आज के लिए बस इतना ही बाबा की असीम कृपा चेलों पर बरसाने के लिए बाबा ठग नाथ (टैग) 1008 की जय, और अभी तो लाइब्रेरी, पीटीआई, जूनियर असिसटेंट, जूनियर अकाउंटेंट , सुपरिन्टेन्डेन्ट, वेब कॉन्टैन डेवलपमेंट आदि कई ऐसे अध्याय बाकि है जो आपको अवगत करवाऊंगा तब तक के लिए आप लोग भी फेसबुक पर आंदोलन कर दो क्योकि अब अपने हक़ की बात तो आप में से कोई करेगा नहीं , भगतसिंघ चाहिए लेकिन पडोसी के घर में ।
बाबा साहब की जय
नोट- मेरी किसी से कोई दुश्मनी नहीं, आई आई टी ने मुझे ख्हूब सारा सम्मान दिया था जब तक की में ें अनजान शख्स था , पुत्र , आन्नद से भी मेरी कोई लड़ाई नहीं है यह दोनों भी इंसान बड़े अच्छे है, पब्लिक रिलेशन अफसर भी एक अच्छी इंसान है ।
Comments
Post a Comment